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PBCON-2025 : डॉ. पीटर विल्मन, डॉ. मैनुअल पेरेज़ मिरांडा जैसे ख्यातनाम विशेषज्ञ जयपुर में, दो दिन खास मंथन

International Pancreatico Biliary Conference & Endoscopic Workshop in Jaipur

RNE Bikaner.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में दुनिया के ख्यातनाम गेस्ट्रोएंटरोलोजिस्ट जुटे हैं जिनमें दो प्रमुख नाम है डॉ. पीटर विल्मन कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल हेरलेव, डेनमार्क और डॉ. मैनुअल पेरेज़ मिरांडा – हॉस्पिटल यूनिवर्सिटेरियो रियो हॉर्टेगा, वलाडोलिड, स्पेन। चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र के लोग इन नामों का महत्व जानते हैं इसीलिए इस कॉन्फ्रेंस में देश ही नहीं दुनियाभर के 700 से अधिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, शोधार्थी एवं चिकित्सा विशेषज्ञ भाग लेने जा रहे हैं। जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, झालाना में 26 एवं 27 अप्रैल 2025 को हो रही दो दिवसीय “पीबीकॉन 2025” का भव्य एवं ऐतिहासिक आगाज शनिवार को हुआ।

आयोजन सचिव डॉक्टर अशोक झाझड़िया ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य पैंक्रियाटिक एवं बिलियरी रोगों की नवीनतम चिकित्सकीय उपलब्धियों, उपचार विधियों एवं एंडोस्कोपिक तकनीकों का आदान-प्रदान करना और लाइव डेमोन्स्ट्रेशन के माध्यम से चिकित्सकों को अद्यतन करना होने जा रहा है। दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत लाइव एंडोस्कोपिक वर्कशॉप्स, प्रेरणास्पद व्याख्यान, शोध-पत्र प्रस्तुतियाँ एवं पोस्टर सत्र आयोजित किए जाने जा रहे हैं।

कार्यक्रम की एक विशेष उपलब्धि यह होने जा रही है कि इसमें दो विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी भाग लेने जा रहे हैं: डॉ. पीटर विल्मन कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल हेरलेव, डेनमार्क, डॉ. मैनुअल पेरेज़ मिरांडा – हॉस्पिटल यूनिवर्सिटेरियो रियो हॉर्टेगा, वलाडोलिड, स्पेन। ये दोनों विशेषज्ञ एंडोस्कोपिक तकनीकों में नवीनतम शोध, उपकरणों के उपयोग और जटिल मामलों में अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर व्यावहारिक व्याख्यान एवं लाइव डेमोन्स्ट्रेशन देने जा रहे हैं। इनके अनुभव और ज्ञान से उपस्थित प्रतिनिधियों को अत्यंत लाभ मिलने जा रहा है।

सम्मेलन के दौरान प्रतिभागी उन्नत चिकित्सा पद्धतियों, नवाचारों एवं शोध निष्कर्षों पर गहन विमर्श करने जा रहे हैं। यह आयोजन चिकित्सा जगत को एक ऐसा मंच प्रदान करने जा रहा है जहाँ ज्ञान, तकनीक एवं अनुभव का उत्कृष्ट समन्वय देखने को मिलने जा रहा है।

पीबीकॉन 2025 न केवल चिकित्सा जगत में एक मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है, बल्कि यह भी प्रमाणित करने जा रहा है कि राजस्थान जैसे राज्य चिकित्सा एवं अकादमिक आयोजनों के लिए उत्कृष्ट मंच प्रदान करने में सक्षम हैं।